जमुना में कूद परयौ कान्हा -सूरदास

सूरसागर

1.परिशिष्ट

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राग रामकली




(जमुना में कूद परयौ) कान्हा तेरौ जमुना मैं कूदि परयौ।
अति व्याकुल भई मातु जसोदा नैननि नीर झरयौ।।
जल जमुना के कारै पानी पैठत नाहिं डरयौ।
कसराइ घर होत बधाई माथकलंक टरयौ।।
पैठि पताल कालिया नाथ्यौ बाहिर कंस डरयौ।
'सूरदास' प्रभु तुम्हरे मिलन कौ मोतियनि थार भरयौ।। 33 ।।

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