मीराँबाई की पदावली
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मोहने = मोहन वा कृष्ण ने। कहा = क्या। प्रान... वर्यो = मेरे प्राण प्रियतम से मिल गये, अथवा प्रियतम द्वारा मेरे प्राण अंगीकृत हो गये, अपना लिये गए। हूँ = मैं। कलस = जल का घड़ा। कछुक... कर्यो = कुद अजीब ढंग का प्रभाव डाल दिया। कारज सर्यो = कार्य सिद्ध हुआ। छान = छिपे छिपे, गुप्त रूप से।
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