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मूल फ़ाइल (600 × 1,350 चित्रतत्व, संचिका का आकार: 151 KB, माइम प्रकार: image/jpeg)
विवरण (Description) | यक्ष मणिभद्र के मूर्ति (परखम यक्ष के नाम से प्रसिद्ध) |
दिनांक (Date) | वर्ष - 2009 |
प्रयोग अनुमति (Permission) | © bharatkosh.org |
चित्रकार (Painter) | कुनिका के शिष्य गोमितक द्वारा निर्मित |
उपलब्ध (Available) | राजकीय संग्रहालय, मथुरा |
प्राप्ति स्थान | परखम, मथुरा |
समय-काल | लगभग तृतीय-द्वितीय शती ई. पू. |
अन्य विवरण | पुराणों के अनुसार यक्षों का कार्य पापियों को विघ्न करना, उन्हें दुर्गति देना और साथ ही साथ अपने क्षेत्र का संरक्षण करना था। मथुरा से इस प्रकार के यक्ष और यक्षणियों की छह प्रतिमाएँ मिल चुकी हैं, जिनमें सबसे महत्त्वपूर्ण परखम नामक गाँव से मिली हुई अभिलिखित यक्ष-मूर्ति है। |
फ़ाइल का इतिहास
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दिनांक/समय | अंगूठाकार प्रारूप | आकार | सदस्य | टिप्पणी | |
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सद्य | 12:55, 5 जुलाई 2015 | 600 × 1,350 (151 KB) | रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) |
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