चित्र:Raskhan-3.jpg

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चित्र जानकारी
विवरण (Description) रसखान की समाधि महावन, मथुरा
दिनांक (Date) वर्ष - 2009
प्रयोग अनुमति (Permission) © bharatkosh.org
अन्य विवरण हिन्दी साहित्य में कृष्ण भक्त तथा रीतिकालीन कवियों में रसखान का महत्त्वपूर्ण स्थान है। 'रसखान' को रस की ख़ान कहा जाता है। इनके काव्य में भक्ति, श्रृगांर रस दोनों प्रधानता से मिलते हैं। रसखान कृष्ण भक्त थे और प्रभु के सगुण और निर्गुण निराकार रूप के प्रति श्रद्धालु थे।



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दिनांक/समयअंगूठाकार प्रारूपआकारसदस्यटिप्पणी
सद्य13:42, 5 जुलाई 201513:42, 5 जुलाई 2015 के संस्करण का अंगूठाकार प्रारूप।1,200 × 902 (298 KB)रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान)
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