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मूल फ़ाइल (1,200 × 902 चित्रतत्व, संचिका का आकार: 298 KB, माइम प्रकार: image/jpeg)
विवरण (Description) | रसखान की समाधि महावन, मथुरा |
दिनांक (Date) | वर्ष - 2009 |
प्रयोग अनुमति (Permission) | © bharatkosh.org |
अन्य विवरण | हिन्दी साहित्य में कृष्ण भक्त तथा रीतिकालीन कवियों में रसखान का महत्त्वपूर्ण स्थान है। 'रसखान' को रस की ख़ान कहा जाता है। इनके काव्य में भक्ति, श्रृगांर रस दोनों प्रधानता से मिलते हैं। रसखान कृष्ण भक्त थे और प्रभु के सगुण और निर्गुण निराकार रूप के प्रति श्रद्धालु थे। |
फ़ाइल का इतिहास
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दिनांक/समय | अंगूठाकार प्रारूप | आकार | सदस्य | टिप्पणी | |
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सद्य | 13:42, 5 जुलाई 2015 | 1,200 × 902 (298 KB) | रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) |
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