चपला चमाकैं चहु ओरन ते चाह भरी
चरजि गई ती फेरि चरजन लागी री।
कहैं पद्माकर लवंगन की लोनी लता
लरजि गयी ती फेरि लरजन लागी री।
कैसे धरौ धीर वीर त्रिबिध समीरैं तन
तरजि गयी ती फेरि तरजन लागी री।
घुमड़ि घमंड घटा घन की घनेरी अबै
गरजि गई ती फेरि गरजन लागी री।