घुटुरुवनि घनस्याम चलै रे -सूरदास

सूरसागर

1.परिशिष्ट

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राग कलिंग
घुटुरुवो चलना




घुटुरुवनि घनस्याम चलै रे।
कटि किंकिनि पग नूपुर बाजै नाक बुलाक हलै रे।
किलकत बिहँसत दूरि निकसि गए जसुमति कहति भलै रे।
'सूरदास' प्रभु बालकलीला मन आनंद रलै रे।। 11 ।।

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