गोपी गीत -करपात्री महाराज पृ. 11

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गोपी गीत -करपात्री महाराज

संसार में सभी लोगों की इचछा दुःख (क्लेश) निवृत्ति की रहती है। आज के यांत्रिकयुग का मानव शारीरिक कष्ट से पीड़ित हो रहा है, अनेकविध चिन्ता, भय आदि मानस क्लेशों से सन्तप्त हो रहा है। कुछ लोग दुःख और क्लेश को अल्प समय तक ही सही भूल जाने के लिये मादक द्रव्यों का सेवन करने लगे हैं। किन्तु नशे की खुमारी उतरते ही बेचारे अधिक दुःखी हो जाते हैं। उनका शरीर जर्जर हो जाता है, मन और बुद्धि शिथिल हो जाती है। कुछ लोग बाद्य, संगीत अथवा यन्त्रादि बाह्य साधनों से दुःख-क्लेश का विस्मरण करना चाहते हैं, किन्तु उससे भी अल्पकाल के लिये ही विस्मरण हो पाता है। जिनका अन्तःकरण निरन्तर सन्तप्त और व्याकुल होता रहता है, उनको तो ये बाह्योपचार एक क्षण भी शान्ति नहीं दे सकते। मादक पदार्थ के सेवन से कुछ देर के लिये दुःख को भुलाया जा सकता है, किन्तु भूत के समान दुःख पुनः सवार हो जाता है। जीवन की समस्त चिन्ताओं से, समस्त क्लेशों से और विपत्तियों से छुटकारा पाने की इच्छा हो तो भक्तिरसायन का ही सेवन करना होगा। इसके समान सस्ती, सुलभ अन्य महौषधि विश्व में नहीं है।

'हरिस्मृति: सर्वविपद्‌विमोक्षणम'

यह स्मरणभक्ति ही समस्त विपत्तियों (क्लेशों) का समूल नाश कर देगी। जब मन भगवान् के चरणारविन्द में शरणागत होकर तन्मय हो जायगा तब जगत् और उससे होने वाले क्लेशों की प्रतीति नहीं होगी। इस प्रकार अपने आराध्यदेव में मन को विलीन कर देने से देह-गेह की भी सुध नहीं रहेगी। उस अवस्था में पहुँच जाओगे जहाँ सुख-शान्ति और परमानन्द की सतत वर्षा होती रहती है।

प्रेममयी भक्ति का प्रत्यक्ष दर्शन विरह में ही होता है। एक समय की बात है कि भगवान श्रीकृष्ण ने नन्दबाबा और यशोदा मैया तथा अपने सखा-सखियों को अपना कुशल समाचार देने और उनके कुशल समाचार ले जाने के लिये अपने परम सखा उद्धव जी को व्रज में भेजा।

भक्तशिरोमणि उद्धवजी ने व्रज में आकर व्रजवासियों के साथ कई मास बिता दिये। प्रतिदिन-प्रतिक्षण ही सबके साथ श्रीकृष्ण की चर्चा में जीवन के दिन सफल होते रहे। तदनन्तर एक दिन जब मथुरा लौटने के लिये उद्धव जी रथ में बैठे, तब उन्होंने सभी से पूछा-भगवान् कृष्ण से आपका क्या सन्देश कहूँ?

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क्रम संख्या विषय पृष्ठ संख्या
1. भूमिका 1
2. प्रवेशिका 21
3. गोपी गीत 1 23
4 गोपी गीत 2 63
5. गोपी गीत 3 125
6. गोपी गीत 4 154
7. गोपी गीत 5 185
8. गोपी गीत 6 213
9. गोपी गीत 7 256
10. गोपी गीत 8 271
11. गोपी गीत 9 292
12. गोपी गीत 10 304
13. गोपी गीत 11 319
14. गोपी गीत 12 336
15. गोपी गीत 13 364
16. गोपी गीत 14 389
17. गोपी गीत 15 391
18. गोपी गीत 16 412
19. गोपी गीत 17 454
20. गोपी गीत 18 499
21. गोपी गीत 19 537

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