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श्रीगीतगोविन्दम् -श्रील जयदेव गोस्वामी
द्वादश: सर्ग:
सुप्रीत-पीताम्बर:
त्रयोविंश: सन्दर्भ:
23. गीतम्
(1) पलाश पुष्प बाण- कामक्रीड़ा में श्रीराधा के वक्ष:स्थल पर रक्त-कमल के समान अपने नखों से नखक्षत किया था। अत: पलाश पुष्प-बाण है। (2) कमल पुष्प-बाण रात्रि में सो न पाने के कारण आँखों में कषाय हो रहा था, आँखें लाल-लाल हो रही थीं, अत: कमल पुष्प-बाण है। (3) बन्धुजीव पुष्पबाण- श्रीराधा के अधरों की लालिमा प्रक्षालित हो गयी थी, अत: बन्धुजीव पुष्पबाण है। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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