विषय सूची
श्रीगीतगोविन्दम् -श्रील जयदेव गोस्वामी
प्रथम सर्ग
सामोद-दामोदर
अथ प्रथम सन्दर्भ
अष्टपदी
1. गीतम्
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अन्वय हे केशव! हे धृत-शूकररूप! (स्वीकृत-वराह- विग्रह) तव दशनशिखरे (दन्ताग्रे) लग्ना (अवस्थिता) धरणी (पृथ्वी, लोकधारणकर्त्त्य्रपि) शशिनि (चन्द्रे) निमग्ना कलकंकला (कलकरेखा) इव वसति (अवतिष्ठते); हे जगदीश, हे हरे, त्वं जय (सर्वोत्कर्षेण वर्त्तस्व) ॥3॥
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