गीता 6:24

गीता अध्याय-6 श्लोक-24 / Gita Chapter-6 Verse-24

संकल्पप्रभवान्कामांस्त्यक्त्वा सर्वानशेषत: ।
मनसैवेन्द्रियग्रामं विनियम्य समन्तत: ॥24॥



संकल्प से उत्पन्न होने वाली सम्पूर्ण कामनाओं को नि:शेष रूप से त्याग कर और मन के द्वारा इन्द्रियों के समुदाय को सभी ओर से भली-भाँति रोककर ॥24॥

Completely renouncing all desires arising from thoughts of the world, and fully restraining the whole pack of the senses from all sides by the time.(24)


संकल्पप्रभवान् = संकल्प से उत्पन्न होने वाली; सर्वान् = संपूर्ण; कामान् = कामनाओं को; अशेषत: = नि;शेषता से अर्थात् वासना और आसक्ति सहित; त्यक्त्वा =त्यागकर; मनसा = मन के द्वारा; इन्द्रियग्रामम् = इन्द्रियों के समुदाय को; समन्तत: = सब ओर से;एव = ही; विनियम्य = अच्छी प्रकार वश में करके;



अध्याय छ: श्लोक संख्या
Verses- Chapter-6

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अध्याय / Chapter:
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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