भगवद्गीता -डॉ. सर्वेपल्लि राधाकृष्णन भगवद्गीता -राधाकृष्णन अध्याय अध्याय का नाम पृष्ठ संख्या परिचय 1 1. अर्जुन की दुविधा और विषाद 63 2. सांख्य-सिद्धान्त और योग का अभ्यास 79 3. कर्मयोग या कार्य की पद्धति 107 4. ज्ञानमार्ग 124 5. सच्चा संन्यास 143 6. सच्चा योग 152 7. ईश्वर और जगत 168 8. विश्व के विकास का क्रम 176 9. भगवान अपनी सृष्टि से बड़ा है 181 10. परमात्मा सबका मूल है; उसे जान लेना सब-कुछ जान लेना है 192 11. भगवान का दिव्य रूपान्तर 200 12. व्यक्तिक भगवान की पूजा परब्रह्म की उपासना की अपेक्षा 211 13. शरीर क्षेत्र है, आत्मा क्षेत्रज्ञ है; और इन दोनों में अन्तर 215 14. सब वस्तुओं और प्राणियों का रहस्यमय जनक 222 15. जीवन का वृक्ष 227 16. दैवीय और आसुरीय मन का स्वभाव 231 17. धार्मिक तत्त्व पर लागू किए गए तीनों गुण 235 18. निष्कर्ष 239 19. अंतिम पृष्ठ 254 वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ ऋ ॠ ऑ श्र अः