गीता माता -महात्मा गांधी
अनासक्तियोग
पहला अध्याय
अर्जुन विषाद योग
धृष्टकेतुश्चेकितान: काशिराजश्च वीर्यवान्। धृष्टकेतु, चेकितान, शूरवीर काशिराज, पुरुजित, कुन्तिभोज और मनुष्यों में श्रेष्ठ शैव्य, युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च वीर्यवान्। इसी प्रकार पराक्रमी युधामन्यु, बलवान उत्तमौजा, सुभद्रा-पुत्र[1] और द्रौपदी के पुत्र, ये सभी महारथी हैं। अस्माकं तु विशष्टा ये तान्निबोध द्विजोत्तम। हे द्विजश्रेष्ठ! अब हमारी ओर के जो मुख्य योद्धा हैं, उन्हें आप जान लीजिए। अपनी सेना के नायकों के नाम मैं आपके ध्यान में लाने के लिए कहता हूँ। भवान्भीष्मश्च कर्णश्च कृपश्च समितिंजय:। एक तो आप, भीष्म, कर्ण, युद्ध में जयी कृपाचार्य, अश्वत्थामा विकर्ण और सोमदत्त के पुत्र भूरिश्रवा, |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अभिमन्यु
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