गीता माता -महात्मा गांधी पृ. 194

गीता माता -महात्मा गांधी

Prev.png
अनासक्तियोग
सोलहवां अध्‍याय
दैवासुरसंपद् विभागयोग


इस अध्‍याय में दैवी और आसुरी संपद का वर्णन है।

श्रीभगवानुवाच
अभयं सत्त्वसंशुद्धिर्ज्ञानयोगव्यवस्थिति: ।
दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम् ॥1॥
अहिंसा सत्यमक्रोधस्त्याग: शान्तिरपैशुनम् ।
दया भूतेष्वलोलुप्त्वं मार्दवं ह्वीरचापलम् ॥2॥
तेज: क्षमा धृति: शौचमद्रोहो नातिमानिता।
भवन्ति संपदं दैवीमभिजातस्य भारत ॥3॥

श्रीभगवान बोले- हे भारत! अभय, अंत:करण की शुद्धि, ज्ञान और योग में निष्‍ठा, दान, दम, यज्ञ, स्‍वाध्‍याय, तप, सरलता, अहिंसा, सत्‍य, अक्रोध, त्‍याग, शांति, अपैशुन, भ्रतदया, अलोलुपता, मृदुता, मर्यादा, अचंचलता, तेज, क्षमा, शौच, अद्रोह, निरभिमान- इतने गुण उसमें होते हैं जो दैवी संपत को लेकर जन्‍मा है।

टिप्‍प्‍णी- दम अर्थात इंद्रिय निग्रह, अपैशुन अर्थात किसी- की चुगली न करना, अलोलुपता अर्थात लालसा न रखना- लंपट न होना, तेज अर्थात प्रत्‍येक प्रकार की हीन- वृत्ति का विरोध करने का जोश, अद्रोह अर्थात किसी का बुरा न चाहना या करना।

दम्भो दर्पोऽभिमानश्च क्रोध: पारुष्यमेव च ।
अज्ञानं चाभिजातस्य पार्थ संपदमासुरीम् ॥4॥

दंभ, दर्प, अभिमान, क्रोध, पारुष्‍य, अज्ञान, हे पार्थ! इतने आसुरी संपत लेकर जन्‍मने वालों में होते हैं।

टिप्‍पणी- जो अपने में नहीं है वह दिखाना दंभ है, ढोंग है, पाखंड है। दर्प यानी बड़ाई, पारुष्‍य का अर्थ है कठोरता।

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

गीता माता
अध्याय पृष्ठ संख्या
गीता-बोध
पहला अध्याय 1
दूसरा अध्‍याय 3
तीसरा अध्‍याय 6
चौथा अध्‍याय 10
पांचवां अध्‍याय 18
छठा अध्‍याय 20
सातवां अध्‍याय 22
आठवां अध्‍याय 24
नवां अध्‍याय 26
दसवां अध्‍याय 29
ग्‍यारहवां अध्‍याय 30
बारहवां अध्‍याय 32
तेरहवां अध्‍याय 34
चौदहवां अध्‍याय 36
पन्‍द्रहवां अध्‍याय 38
सोलहवां अध्‍याय 40
सत्रहवां अध्‍याय 41
अठारहवां अध्‍याय 42
अनासक्तियोग
प्रस्‍तावना 46
पहला अध्याय 53
दूसरा अध्याय 64
तीसरा अध्याय 82
चौथा अध्याय 93
पांचवां अध्याय 104
छठा अध्याय 112
सातवां अध्याय 123
आठवां अध्याय 131
नवां अध्याय 138
दसवां अध्याय 147
ग्‍यारहवां अध्याय 157
बारहवां अध्याय 169
तेरहवां अध्याय 174
चौहदवां अध्याय 182
पंद्रहवां अध्याय 189
सोलहवां अध्याय 194
सत्रहवां अध्याय 200
अठारहवां अध्याय 207
गीता-प्रवेशिका 226
गीता-पदार्थ-कोश 238
गीता की महिमा
गीता-माता 243
गीता से प्रथम परिचय 245
गीता का अध्ययन 246
गीता-ध्यान 248
गीता पर आस्था 250
गीता का अर्थ 251
गीता कंठ करो 257
नित्य व्यवहार में गीता 258
भगवद्गीता अथवा अनासक्तियोग 262
गीता-जयन्ती 263
गीता और रामायण 264
राष्ट्रीय शालाओं में गीता 266
अहिंसा परमोधर्म: 267
गीता जी 270
अंतिम पृष्ठ 274

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः