गीता माता -महात्मा गांधी पृ. 151

गीता माता -महात्मा गांधी

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अनासक्तियोग
दसवां अध्याय
विभूति योग


श्रीभगवानुवाच
हन्‍त ते कथयिष्‍यामि दिव्‍या ह्यात्‍मविभूतय:।
प्राधान्‍यत: कुरुश्रेष्‍ठ नास्‍त्‍यन्‍तो विस्‍तरस्‍य मे।।19।।

श्रीभगवान बोले-

हे कुरुश्रेष्‍ठ! अच्‍छा, मैं अपनी मुख्‍य-मुख्‍य दिव्‍य विभूतियां तुझे कहूंगा। उनके विस्‍तार का अंत तो है ही नहीं।

अहमात्‍मा गुडाकेश सर्वभूताशयस्थित:।
अहमादिश्‍च मध्‍यं च भूतानामन्‍त एव च।।20।।

हे गुडाकेश! मैं सब प्राणियों के हृदय में विद्यमान आत्मा हूँ। मैं ही भूतमात्र का आदि, मध्‍य और अंत हूँ।

 
आदित्‍यानामहं विंष्‍णुज्‍योंतिषां रविरंशुमान्।
मरीचिर्मरुतामस्मि नक्षत्राणामहं शशी।।21।।

आदित्‍यों में विष्‍णु मैं हूं, ज्‍योतियों में जगमगाता सूर्य मैं हूं, वायुओं में मरीचि मैं हूं, नक्षत्रों में चंद्र मैं हूँ।

 
वेदानां सामवेदोऽस्मि देवानामस्मि वासव:।
इन्द्रियाणां मनश्‍चास्मि भूतानामस्मि चेतना।।22।।

वेदों में सामवेद मै हूं, देवों में इंद्र मैं हूं, इंद्रियों में मन मैं हूँ और प्राणियों का चेतन मैं हूँ।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

गीता माता
अध्याय पृष्ठ संख्या
गीता-बोध
पहला अध्याय 1
दूसरा अध्‍याय 3
तीसरा अध्‍याय 6
चौथा अध्‍याय 10
पांचवां अध्‍याय 18
छठा अध्‍याय 20
सातवां अध्‍याय 22
आठवां अध्‍याय 24
नवां अध्‍याय 26
दसवां अध्‍याय 29
ग्‍यारहवां अध्‍याय 30
बारहवां अध्‍याय 32
तेरहवां अध्‍याय 34
चौदहवां अध्‍याय 36
पन्‍द्रहवां अध्‍याय 38
सोलहवां अध्‍याय 40
सत्रहवां अध्‍याय 41
अठारहवां अध्‍याय 42
अनासक्तियोग
प्रस्‍तावना 46
पहला अध्याय 53
दूसरा अध्याय 64
तीसरा अध्याय 82
चौथा अध्याय 93
पांचवां अध्याय 104
छठा अध्याय 112
सातवां अध्याय 123
आठवां अध्याय 131
नवां अध्याय 138
दसवां अध्याय 147
ग्‍यारहवां अध्याय 157
बारहवां अध्याय 169
तेरहवां अध्याय 174
चौहदवां अध्याय 182
पंद्रहवां अध्याय 189
सोलहवां अध्याय 194
सत्रहवां अध्याय 200
अठारहवां अध्याय 207
गीता-प्रवेशिका 226
गीता-पदार्थ-कोश 238
गीता की महिमा
गीता-माता 243
गीता से प्रथम परिचय 245
गीता का अध्ययन 246
गीता-ध्यान 248
गीता पर आस्था 250
गीता का अर्थ 251
गीता कंठ करो 257
नित्य व्यवहार में गीता 258
भगवद्गीता अथवा अनासक्तियोग 262
गीता-जयन्ती 263
गीता और रामायण 264
राष्ट्रीय शालाओं में गीता 266
अहिंसा परमोधर्म: 267
गीता जी 270
अंतिम पृष्ठ 274

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