गीता अमृत -जोशी गुलाबनारायण
अध्याय- 1
अर्जुन विषाद-योग
अर्जुन विषाद-योग
संजय उवाच- |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1. आजकल जिसे “मोर्चा बनाना” कहते हैं उसे ही सेना को व्यवस्थित रूप से खड़ी करने की विधि व कौशल को “व्यूह रचना” कहते हैं।
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