मीराँबाई की पदावली
उपालंभ
राग सोरठ
कोई दिन याद करोगे रमता राम अतीत ।। टेक ।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कोई दिन = किसी दिन, कभी न कभी। रमता = घूमने फिरने वाले, एक जगह जम कर न रहने वाले। अतीत = निर्लेप, विरक्त, निरपेक्ष। आसण माड़ = आसन मार कर वा लगा कर। अडिग = निश्चल, अचल। जाणूँ = जाना। चीत = चित्त, सुध।
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