मीराँबाई की पदावली
अपना मार्ग
कोई कछू कहे मन लागा ।। टेक ।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कछु = कुछ भी। ज्यूँ ...सुहागा = जिस प्रकार सोने वा सुहागा का उचित मेल होता है। जागा = वास्तविक ज्ञान प्राप्त कर लिया। कबीला = कबीला, स्त्री, जोरू। टूट...जाता = अलग वा विराने हो गये। कुटम = कुटुम्ब, परिवार। सब्द = शब्द, भेद भरे उपदेश।
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