हिन्दू धर्म संस्कारों में 'केशान्त संस्कार' एकादश संस्कार है। बालक का प्रथम मुंण्डन प्रायः पहले या तीसरे वर्ष में हो जाता है। यह बात पहले ही कही जा चुकी है।
- प्रथम मुंण्डन का प्रयोजन केवल गर्भ के केशमात्र दूर करना होता है।
- उसके बाद इस केशान्त संस्कार में भी मुंण्डन करना होता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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