श्रीकृष्णांक
मुसलमान कवि और भगवान श्रीकृष्ण
आजकल श्रीकृष्ण भक्त मुसलमान सज्जनों या कवियों का अभाव नहीं है। इस तबलीग तन्जीम के जमाने में भी अनेक उदारचेता और भगवद्भक्त मुसलमान महानुभाव ऐसे मौजूद है जिनके हृदयों में भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपार श्रद्धा है, जिनका मनमोर घनश्याम के नाम पर अब भी नाच उठता है और जो बांसुरी की ध्वनि पर मतवाले हो उठते हैं। हिन्दी के मुसलमान कवि ही नहीं उर्दू के भी अनेक मुसलमान कवियों ने श्रीकृष्णचन्द्र की महिमा गाकर अपनी वाणी को पवित्र किया है। यहाँ दो चार वर्तमान कवियों की कविताओं के उद्धरण दिये जाते हैं। बजाने वाले के हैं करिश्मे, जो आप है महब बेखुदी में, |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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