कूरम पै कोल-कोल -पद्माकर

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कूरम पै कोल-कोल (गंगा-स्तुति) -पद्माकर


कूरम पै कोल कोल हू पै सेष कुंडली है,
कुंडली पै फबी फैल सुफन हजार की।
कहै ‘पदमाकर’ त्यों फन पै फबी है भूमि,
भूमि पै फबी है थिति रजत पहार की।
रजत पहार पर सम्भु सुरनायक हैं,
सम्भु पर जोति जटाजूट है अपार की।
सम्भु जटाजूट पै चंद की छुटि है छटा
चंद की छटान पै छटा है गंगधार की॥1॥

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