औरे भाँति कुंजन में गुंजरत भौर भीर(ऋतु वर्णन) -पद्माकर औरे भाँति कुंजन में गुंजरत भौर भीर, औरे भाँति बौरन के झौरन के ह्वै गए। कहै ‘पदमाकर’ सु औरे भाँति गलियानि, छलिया छबीले छैल औरे छबि छ्वै गए। औरे भाँति बिहँग समाज में आवाज होति, अबैं ऋतुराज के न आजु दिन द्वै गए। औरे रस, औरे रीति औरे राग औरे रंग, औरे तन औरे मन, औरे बन ह्वै गए। संबंधित लेख - वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ ऋ ॠ ऑ श्र अः