ऐसी लगन लगाइ कहां तूं जासी -मीराँबाई

मीराँबाई की पदावली

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अनुनय

राग बिहागरा


ऐसी लगन लगाइ कहाँ तूँ जासी ।।टेक।।
तुम देखे बिन कल न परति है, तलफि तलफि जिव जासी ।
तेरे खातिर जोगण हूँगी, करवत लूँगी कासी ।
मीराँ के प्रभु गिरधर नागर, चरण कँवल की दासी ।।52।।[1]

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जासी = जायगा। खातर = लिए, वास्ते। जोगण = जोगिन। करवत... कासी = काशी कावट लूँगी अर्थात् कायापुरी में करवत वा आरे से गला काट लूँगी।

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