एक समय मंदिर मैं देखे -सूरदास

सूरसागर

2.परिशिष्ट

भ्रमर-गीत

Prev.png




एक समय मंदिर मैं देखे राधा जु अरु नंदकिसोर।
दच्छिन कर मुक्ता स्यामा के तजत हंस चुप जुगत चकोर।।
तामैं एक अधिक छवि उपजी ऊपर मधुप करत घन घोर।
'सूरदास' प्रभु इंद्र सकान्यौ रवि अरु ससि बैठे इक ठौर।। 57 ।।

Next.png

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः