एकचक्रा नगरी को महाभारत में पंचाल देश में स्थित बताया गया है। द्रौपदी के स्वयंवर के लिए जाते समय पाण्डव एकचक्रा नगरी में पहुँचे थे-
'एवं स तान् समाश्वास्य व्यास: सत्यवती सुत:,
एकचक्रामभिगत: कुंतीमाश्वासयत् प्रभु:'[1]
- महाभारत में दुर्योधन बड़ी खोटी बुद्धि का था। उसने लाख के बने हुए भवन में पाण्डवों को भेजकर उसमें आग लगाकर, उन्हें भस्म कर देने का प्रयत्न किया, किन्तु पाँचों पाण्डव अपनी माता कुन्ती के साथ उस जलते हुए भवन से सुरक्षित बाहर निकल गये।
- लाक्षागृह से सकुशल निकल जाने के बाद पाण्डव एकचक्रा नगरी में जाकर मुनि के वेष में एक ब्राह्मण के घर में निवास करने लगे। एकचक्रा नगरी में ही भीम ने बकासुर नामक एक राक्षस का वध किया।
- कुछ समय पश्चात् पाण्डव पांचाल राज्य में, जहाँ द्रौपदी का स्वयंवर होने वाला था, गये। वहाँ अर्जुन के बाहुबल से मत्स्यभेद होने पर पाँचों पाण्डवों ने द्रौपदी को पत्नी रूप में प्राप्त किया।
- पाण्डवों ने अपनी माता कुन्ती सहित एकचक्रा नगरी में कई दिन व्यतीत किए।