ऊधौ बनि आए की बात -सूरदास

सूरसागर

1.परिशिष्ट

भ्रमर-गीत

Prev.png




ऊधौ बनि आए की बात।
अब न बनै हमसौं कुबिजा सौ, काहै आवत जात।।
वह बसी बट, वह जमुना तट, वे पलास के पात।
‘सूर’ स्याम हमरे व्रजवासहिं, मानत नात लजात।। 171 ।।

Next.png

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः