उधौ भलौ ज्ञान समुझायौ -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

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राग सोरठ
श्रीकृष्णा वचन


उधौ भलौ ज्ञान समुझायौ।
तुम मोसौ अब कहा कहत हौ, मै कहि कहा पठायौ।।
कहवावत हौ बड़े चतुर पै, उहाँ न कछु कहि आयौ।
‘सूरदास’ व्रज बासिन कौ हित, हरि हिय माहँ दुरायौ।।4124।।

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