इष्टापूर्त परोपकार की भावना से किये जाने वाले कर्मों को कहा जाता है। हिन्दुओं में सर्वसाधारण के उपकारार्थ यज्ञ करना या कुआँ-बावली खुदवाना, बाग़ लगाना आदि जैसे कार्य इष्टापूर्त कर्म कहे जाते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 128 |
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