मीराँबाई की पदावली
चीर हरण लीला राग काफी
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अनारी = अनाड़ी, नादान, नासमझ कृष्ण। गेलपड्यो = मार्ग में बाधा स्वरूप आ खड़ा होता है, जड़ में लगा हुआ है। जल मैं = जल में। ऊभी = नाक तक पानी में खड़ी। साइनि = सदा साथ वा सहायता देने वाली सखी, सहेली। दे = पीटती वा बजाती है। अर = अरु, और। लरिलरि = लड़ती झगड़ती है।
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