आओ मेरे गोविंद, गोकुल चंदा -गोविन्दस्वामी "आओ मेरे गोविंद, गोकुल चंदा। भइ बड़ि बार खेलत जमुना तट, बदन दिखाय देहु आनंदा।। गायन कीं आवन की बिरियां, दिन मनि किरन होति अति मंदा। आए तात मात छतियों लगे, 'गोबिंद' प्रभु ब्रज जन सुख कंदा।।" संबंधित लेख देखें • वार्ता • बदलेंगोविन्दस्वामी के पद प्रात समय उठि जसुमति जननी • श्री वल्लभ चरण लग्यो चित मेरो • आओ मेरे गोविंद, गोकुल चंदा वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ ऋ ॠ ऑ श्र अः