अनबोली न रहै री आली -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

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राग ईमन


अनबोली न रहै री आली, आई मोसन बात बनावन।
बहुत सही हौ घर आए तै, लागी पाछिलि सुरत दिवावन।।
वे अति चतुर प्रवीन कहा कहौ, जिन पठई तोकौ बहरावन।
काँच करौती जल ज्यौ जानति, 'सूरदास' प्रभु कहा जनावन।।2755।।

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