सुमित्रा

Disamb2.jpg सुमित्रा एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- सुमित्रा (बहुविकल्पी)

सुमित्रा 'रामायण' की प्रमुख पात्र हैं। वे अयोध्या के राजा दशरथ की पत्नी तथा लक्ष्मण एवं शत्रुघ्न की माता थीं। महारानी कौशल्या पट्टमहिषी थीं। महारानी कैकेयी महाराज को सर्वाधिक प्रिय थीं और शेष में सुमित्रा ही प्रधान थीं।

  • महाराज दशरथ प्राय: कैकेयी के महल में ही रहा करते थे। सुमित्रा महारानी कौशल्या के सन्निकट रहना तथा उनकी सेवा करना अपना धर्म समझती थीं।
  • 'पुत्रेष्टि यज्ञ' समाप्त होने पर अग्नि के द्वारा प्राप्त चरू का आधा भाग तो महाराज दशरथ ने कौशल्या को दिया, शेष का आधा कैकेयी को प्राप्त हुआ। चतुर्थांश जो शेष था, उसके दो भाग करके महाराज ने एक भाग कौशल्या तथा दूसरा कैकेयी के हाथों पर रख दिया। दोनों रानियों ने उसे सुमित्रा जी को प्रदान किया। समय पर माता सुमित्रा ने दो पुत्रों को जन्म दिया।
  • कौशल्या द्वारा दिये भाग के प्रभाव से लक्ष्मण राम के और कैकेयी द्वारा दिये गये भाग के प्रभाव से शत्रुघ्न भरत के अनुगामी हुए। वैसे चारों कुमारों को रात्रि में निद्रा माता सुमित्रा ही कराती थीं। अनेक बार माता कौशल्या राम को अपने पास सुला लेतीं। रात्रि में जगने पर वे रोने लगते। माता रात्रि में ही सुमित्रा के भवन में पहुँचकर कहतीं- "सुमित्रा! अपने राम को लो। इन्हें तुम्हारी गोद के बिना निद्रा ही नहीं आती। देखो, इन्होंने रो-रोकर आँखे लाल कर ली हैं।" श्रीराम सुमित्रा की गोद में जाते ही सो जाते।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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