सगोत्र

सगोत्र का उल्लेख ब्रह्म वैवर्त पुराण में हुआ है। हिन्दू परिवार में प्रपितामह से ऊपर के जो कुटुम्बीजन होते है, उन्हें 'सगोत्र' कहा जाता है।[1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ब्रह्म वैवर्त पुराण पृ. 37

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