"भ्रमर-गीत" श्रेणी में पृष्ठ इस श्रेणी में निम्नलिखित 111 पृष्ठ हैं, कुल पृष्ठ 111 अ अंतरजामी श्री रघुबीर -सूरदास अरी तू को है हौ हरि दूती -सूरदास अहो दधि-तनया-सुत -सूरदासआ आजु कहुँ मुरली स्याम बजाई -सूरदास आजु बन लीला ललित सँवारी -सूरदास आपुनही चलियै जू मोहन -सूरदासइ इहिं ब्रज सरगुन दीप प्रकास्यौ -सूरदासउ उधौ देखौ यह ग़ति मोर -सूरदासऊ ऊधौ एक मेरी बात -सूरदास ऊधौ कत हम हरि बिसराई -सूरदास ऊधौ कपट रूप के मूल -सूरदास ऊधौ कब हरि आवैगे -सूरदास ऊधौ को तुम्हरे कहै लागै -सूरदास ऊधौ बनि आए की बात -सूरदास ऊधौ बहुरौ ह्वैहै रास -सूरदास ऊधौ बात कहौ हरि आवन की -सूरदास ऊधौ हम लगी साँच के पाछे -सूरदास ऊधौ हरि कुबिजा के मीत भए -सूरदास ऊधौ हरि जू हित जमाइ -सूरदास ऊधौ हरि रीझे धौ काहे -सूरदासए एक समय मंदिर मैं देखे -सूरदासक कमलनैन बस कीन्हे मुरली -सूरदास कहँ लौ कहौ सखि सुंदरताई -सूरदास कहियौ अति अबला दुख पावै -सूरदास कान्ह कही सो तौ नहि ह्वै है -सूरदास कान्ह तिहारी सौ आऊँगी -सूरदास को समुझावै मेरे नैननि -सूरदासग गुरुजन मैं डटि बैठी स्यामा -सूरदासघ घूँघट के बगरोट ओट रहि -सूरदासछ छार भूमि जोगी तन -सूरदासज जब कर बेनु सची बलवीर -सूरदास जाकै हरि जू कौ बरु ताकै -सूरदास जौ पै कान्ह और ग़ति जानी -सूरदास जौ पै मोहिं कान्ह जिय भावै -सूरदासत तबही मेरौ मन चोरयौ री -सूरदास तुम बिनु हम अनाथ ब्रजबासी -सूरदास तुम्हारोइ चित्र बनाउ कियौ -सूरदास त आगे. तुम्है कोउ हेरत है हो कान्ह -सूरदासद दिन ही दिन गोपिन तन छीन -सूरदास देखि सखि तीस भानु इक ठौर -सूरदास देखौ माई आवत है घनस्याम -सूरदासन निपट छोटे कान्ह सुनि -सूरदास निरखत रूप नैन मेरे अटके -सूरदास निरखि रूप अटकी मेरी अँखिया -सूरदास नैननि ऐसीयै कछु बानि -सूरदास नैना ऐसे हठी हमारे -सूरदास नैना नही सखी वै मेरे -सूरदासप पौढ़े लाल राधिका उर लाइ -सूरदासफ फूले कमल कुमुद मुद्रित भए -सूरदासब बजाई बाँसुरी ब्रजराज मोहे ब्रजराज -सूरदास बढ़ि बढि बात लागी करन -सूरदास बढ़ी जस ऐसे काज करे तै -सूरदास बनी राधे काजर की रेख -सूरदास बरनौ राधिका लाल -सूरदास बाजी हो बृंदावन रानी -सूरदास बिरही कैसै जिऐ बिचारे -सूरदास बिलोकौ राधा नागरि प्यारी -सूरदास बिलोकौ राधा नागरि प्यारी2 -सूरदास बेष बन्यौ नंदनंदन प्यारे -सूरदासम मधुकर आवत मन पछितायौ -सूरदास मधुकर कहा बोलत साखि -सूरदास मधुकर कहियत चतुर सुजान -सूरदास मधुकर की संगति तै जनियत -सूरदास मधुकर निपट हीन मन उचटे -सूरदास मधुकर भए देवैया जी के -सूरदास मधुकर लागत हौ सुठि भारे -सूरदास मधुकर सुनौ ज्ञान कौ ज्ञान -सूरदास मनावति हारि रही हौ माई -सूरदास माई मुरली बजाई किन री -सूरदास मुरली कुंजनि कुंजनि बाजति -सूरदास मुरली कौन गुमान भरी -सूरदास मुरली तनक सुनै जो है -सूरदास मुरली तेरौई बड़ भाग -सूरदास मुरली बहुतै ढीठ भई -सूरदास म आगे. मुरली मोहन अधरनि वासा -सूरदास मुरली यातै हरिहिं पियारी -सूरदास मुरली सबनि कौ मन हरयौ -सूरदास मेरे नैननि कौ रस नंदलला -सूरदास मेरौ दधि लीजै कुंज दानि -सूरदास मोसी हितू न तेरै ह्वैहै -सूरदास मोहन अपनी घेरि लै ग़इयाँ -सूरदास मोहन जागि हौ बलि ग़ई -सूरदास मोहन मन मोहि लियौ -सूरदासय यह पट पीत कहाँ तै पायौ -सूरदासर राधा भई सयानी माधौ -सूरदास राधे कत तू खरिक गई री -सूरदास रास रच्यौ बृंदावन मोहन -सूरदासव वे सइयाँ मेरी रैनि विदा होन लागी -सूरदास वै हरि कठिन कठिन हौ ऊधौ -सूरदास व्रज तौ नीकी जीवन जीयौ -सूरदासश श्री जमुना निज दरसन दीजै -सूरदासस सखा तिहारे हितू हमारे -सूरदास सखी मेरे लोचन लोभ भरे -सूरदास सबहीं बिधि सब बात अटपटी -सूरदास सागर के धोखै हरि नागर -सूरदास सारँग-सुत-पति-तनया -सूरदास सुंदरि एक दह्यौ लिये -सूरदास सुनि आधी सी राति मोहन मुरलि बजावै -सूरदास सुनि मधुप कौन कौ -सूरदास सुनौ हौ या मोहन की बैन -सूरदास सुभग सेज मै पीढ़े कुँवर -सूरदास स्याम तेरी मुरली मधुर धुनि बाजै -सूरदास स्याम सुंदर मदन मोहन -सूरदास स्याम हौ निजु कै बिसारी -सूरदासह हम न भईं बड़भागिनि बँसुरी -सूरदास हमतौ निसि दिन हरि गुन गावै -सूरदास हरि कित भए ब्रज के चोर -सूरदास हरि चितवनि चित तै नहिं टरै -सूरदास हरि बिन लो लोचन मरत पियास -सूरदास हरि मुरली कै प्रेम भरे -सूरदास हौ हरि यहै सिखाव सिखाऊँ -सूरदास