श्रीराधा माधव चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
पूर्ण परात्पर भगवान् श्रीकृष्ण का आविर्भाव
आज पूर्ण-परात्पर स्वयं भगवान् के मंगलमय प्राकट्य महान मंगलमय, महान् मधुर और महान पवित्र दिवस श्रीकृष्णजन्माष्टमी है। दुर्द्दान्त राजाओं के रूप में प्रकट दैत्यों के साथ ही घोर कर्मा अन्यान्य असुरों के भयानक तथा प्रचण्ड अत्याचारों से प्रपीड़ित और असह्य भार से आक्रान्त एवं संत्रस्त दुःखिनी वसुंधरा गौ के रूप में सृष्टि कर्ता ब्रह्मा के पास पहुँची। तदनन्तर ब्रह्मा की सम्मति के अनुसार भगवान शंकर आदि देवताओं के साथ क्षीर सागर के तट पर जाकर भगवान को पुकारने लगी। क्षीराब्धिशायी पुरुष रूप भगवान् ही व्यष्टि वसुंधरा के स्वामी हैं। |
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- ↑ श्रीमद्भागवत 1। 8। 21, 22, 27, 43
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