वितल ब्रह्म वैवर्त पुराण के उल्लेखानुसार सात पातालों में से एक है, जो कि स्वर्ग की अपेक्षा अधिक भोग-साधनों से सम्पन्न है और यह उत्तरोत्तर नीचे भाग में स्थित है।[1]
- ब्रह्म वैवर्त पुराण के उल्लेखानुसार जगदीश्वर ब्रह्मा जी ने सात पातालों का निर्माण किया है। वे स्वर्ग की अपेक्षा अधिक भोग-साधनों से सम्पन्न हैं और क्रमशः एक से दूसरे उत्तरोत्तर नीचे भाग में स्थित हैं। उनके नाम इस प्रकार हैं–[2]
- समस्त भूमण्डल पचास करोड़ योजन विस्तार वाला है। इसकी ऊंचाई सत्तर सहस्र योजन है। इसके नीचे सात पाताल नगरियाँ हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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