वरुणद्वीप

वरुणद्वीप का उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है-

'इंद्रद्वीपंकशेरुं च ताम्रद्वीपं गभस्तिमत् गांधर्व वारुणं द्वीपं सौम्याक्षमिति च प्रभु:।'[1]
  • महाभारत के उपरोक्त उल्लेख के अनुसार 'वारुण' (या वरुण) द्वीप को अन्य द्वीपों के साथ, शक्तिशाली सहस्रबाहु ने जीत लिया था।
  • यह द्वीप संभवतः बोर्नियो (इंडोनेशिया) है। 'ताम्रद्वीप' लंका का ही नाम है।
  • बोर्नियों का एक अन्य नाम संभवत: 'बर्हिण' भी था।
  • 'मार्कण्डेय पुराण' में वारुण के साथ भारत के व्यापार का उल्लेख है।[2]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत, सभापर्व 38, दाक्षिणात्य पाठ
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 834 |

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