लक्ष्मण

Disamb2.jpg लक्ष्मण एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- लक्ष्मण (बहुविकल्पी)
हनुमान, राम और लक्ष्मण को ले जाते हुए

लक्ष्मण हिन्दू पौराणिक ग्रंथ रामायण के अनुसार राजा दशरथ के पुत्र थे, ये भगवान राम के छोटे भाई थे। इन्हें किसी भी अवस्था में भगवान श्रीराम का वियोग इन्हें सह्य नहीं था, इसलिये ये सदैव छाया की भाँति श्रीराम का ही अनुगमन करते थे। श्रीराम के चरणों की सेवा ही इनके जीवन का मुख्य व्रत था। श्रीराम की तुलना में संसार के सभी सम्बन्ध इनके लिये गौण थे। इनके लिये श्रीराम ही माता-पिता, गुरु, भाई सब कुछ थे और उनकी आज्ञा का पालन ही इनका मुख्य धर्म था। इसलिये जब भगवान श्रीराम विश्वामित्र की यज्ञ-रक्षा के लिये गये तो लक्ष्मण जी भी उनके साथ गये। भगवान श्री राम जब सोने जाते थे तो ये उनके पैर दबाते और भगवान के बार-बार आग्रह करने पर ही स्वयं सोते तथा भगवान के जागने के पूर्व ही जग जाते थे।

शेषावतार

लक्ष्मण जी शेषावतार थे। हिन्दू पौराणिक मान्यता के अनुसार शेषनाग के कई अवतारों का उल्लेख मिलता है , जिसमें भगवान राम के भाई लक्ष्मण और भगवान कृष्ण के भाई बलराम मुख्य है।

विवाह

पौराणिक मान्यता के अनुसार लक्ष्मण जी की तीन पत्नियां थी उर्मिला, जितपज्ञा और वनमाला परन्तु रामायण के अनुसार राजा जनक की पुत्री उर्मिला को ही उनकी पत्नि के रुप मे माना गया है, उर्मिला के अंगद और चन्द्रकेतु नामक दो पुत्र तथा सोमदा नाम की एक पुत्री उत्पन्न हुई थी।

सदाचारी पुरुष

चौदह वर्ष के वनवास जाने के बाद जब सीता जी को रावण उठा कर ले गया था, तब सीता की खोज करते समय मार्ग में सीता के आभूषण मिलते हैं तो राम लक्ष्मण से पूछते हैं "हे लक्ष्मण! क्या तुम इन आभूषणों को पहचानते हो?" लक्ष्मण ने उत्तर मे कहा "मैं न तो बाहों में बंधने वाले केयूर को पहचानता हूँ और न ही कानों के कुण्डल को। मैं तो प्रतिदिन माता सीता के चरण स्पर्श करता था। अतः उनके पैरों के नूपुर को अवश्य ही पहचानता हूँ।" सीता के पैरों के सिवा किसी अन्य अंग पर दृष्टि न डालने सदाचार का आदर्श है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः