रथावर्त्त का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। महाभारत शल्य पर्व के अनुसार यह शाकंभरी देवी के दक्षिण अर्धभाग में स्थित एक तीर्थ स्थान का नाम था। यहाँ की यात्रा करने वाला श्रद्धा सम्पन्न यात्री महादेव जी की अनुकम्पा से परम गति को प्राप्त होता है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 442 |
- ↑ महाभारत शल्य पर्व 45.63