योगिराज श्रीकृष्ण -लाला लाजपतराय
दूसरा अध्याय
श्रीकृष्णचन्द्र का वंश
इक्ष्वाकु से बहुत पीढ़ियों पश्चात उसके वंश में एक राजा हर्यश्व नामक हुआ है जिसने अयोध्या से निकाले जाने पर गोवर्धन की नींव डाली। उस समय मधुवन प्रान्त पर राजा मधु शासन करता था जिसने अपनी कन्या मधुमती का हर्यश्व के संग विवाह कर दिया इन्हीं दोनों की संतान का वंशवृक्ष पाठकों के सम्मुख उपस्थित किया जाता हैः- |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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