यमुनाप्रभव नामक एक प्राचीन स्थान का उल्लेख 'महाभारत'[1] में हुआ है। संभवतः यह यमुना का उद्गम स्थान था। इसे 'यमुनोत्री' भी कहा जाता है।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत 84, 44
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 769 |