मोरे ललन -मीरां

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मोरे ललन -मीरां
मीरांबाई
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
मीरांबाई की रचनाएँ
  • मोरे ललन -मीरां

मोरे ललन -मीरां

जागो बंसीवारे जागो मोरे ललन।
रजनी बीती भोर भयो है घर घर खुले किवारे।
जागो बंसीवारे जागो मोरे ललन।।
गोपी दही मथत सुनियत है कंगना के झनकारे।
जागो बंसीवारे जागो मोरे ललन।।
उठो लालजी भोर भयो है सुर नर ठाढ़े द्वारे।
जागो बंसीवारे जागो मोरे ललन।
ग्वाल बाल सब करत कुलाहल जय जय सबद उचारे।
जागो बंसीवारे जागो मोरे ललन।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर शरण आयाकूं तारे।।
जागो बंसीवारे जागो मोरे ललन।।


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