मित्रधर्मा एक देवरूप असुर था, जिसका उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। यह पांचजन्य द्वारा उत्पन्न, यज्ञ में विघ्न डालने वाला असुर था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 87 |