माई आज तो गोकुल ग्राम कैसो रह्यो फ़ूल के। गृह फूले ऐसे जैसे संपति समूल के ॥1॥ माई आज तो…
फूलि फूलि घटा आईं घर घर घूम के। फूली फूली बरखा होत झर लायो झूम के ॥2॥ माई आज तो…
फूल्यो फूल्यो पुत्र देख लियो उर लूमि के। फूली है जसोदा माय ढोटा मुख चूम के ॥3॥ माई आज तो…
देवता आंगिन फूले द्रुत ठाडे होम के। फूल्यो दिसे दधि खाडों ऊपर सो घूमि के ॥4॥ माई आज तो…
मालिन बांधे बंदनमाला घर घर डोल के। पाटंबर पहराय अभिके अमोल के ॥5॥ माई आज तो…
फूले है भंडार सब द्वारे दिये खोल के। नंदराय देत फूलें ‘नंददास’ कौन के ॥6॥ माई आज तो…