मन्दग नामक एक प्राचीन कालीन जनपद का उल्लेख पौराणिक महाकाव्य महाभारत, भीष्मपर्व में मिलता है।
- 'महाभारत भीष्मपर्व' में संजय ने राजा धृतराष्ट्र से शाक द्वीप का वर्णन कहा है और इसी द्वीप में 'मंग', 'मशक', 'मानस' तथा मन्दग जनपदों की स्थिति बतायी है।
- संजय कहते हैं- "राजन! इस जनपद में शूद्र रहते हैं। वे धर्मात्मा होते हैं। वहाँ न कोई राजा है, न दण्ड है और न दण्ड देने वाला है। वहाँ के लोग धर्म के ज्ञाता हैं और स्वधर्मपालन के ही प्रभाव से एक-दूसरे की रक्षा करते हैं।"[1]