भृगु हिन्दू पौराणिक मान्यताओं और महाभारत के उल्लेखानुसार एक ऋषि थे।
- हिन्दू परंपरा में भृगु ऋषि को सप्तर्षि का दर्जा दिया गया है। इनको भृगु संहिता का लेखक और और अपने गुरु मनु के लिखे मनुस्मृति को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए जाना जाता है। इनकी संतानों और शिष्यों (गोत्र वालों को) को भार्गव नाम से जाना जाता है। गीता में भी इनका ज़िक्र हुआ है।
- महर्षि भृगु ब्रह्मा जी के नौ मानस पुत्रों में अन्यतम हैं। यह एक प्रजापति भी हैं और सप्तर्षियों में इनकी गणना है।
- इनका विवाह प्रजापति कर्दम की पुत्री ख्याति दे हुआ था।
- सुप्रसिद्ध महर्षि च्यवन इन्हीं के पुत्र थे।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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