पारियात्र का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। यह सात कुलपर्वतों में से एक पर्वत का नाम था। यहाँ महर्षि गौतम का आश्रम था।[1] आधुनिक समय में 'हिन्दु-कुश' और 'पामीर' ही महाभारतकालीन पारियात्र है।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत शान्ति पर्व अध्याय 129 श्लोक 1-11
- ↑ महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस.पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 71 |
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