देवयानी हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार शुक्राचार्य की पुत्री थी, जिसे अपने पिता के शिष्य कच से प्रेम हो गया था।
- कच बृहस्पति का पुत्र था, जो शुक्राचार्य के पास संजीवनी विद्या सीखने के लिए आया था। जब उसने देवयानी का प्रेमप्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया तो देवयानी ने उसे शाप दिया कि तुम्हारी विद्या तुम्हें फलवती न होगी। इस पर कच ने भी शाप दिया कि कोई भी ऋषिपुत्र तुम्हारा पाणिग्रहण न करेगा।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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