दीप्तवर्ण का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत वन पर्व के अनुसार यह कार्तिकेय के दिव्य नामों में से एक नाम है।
- भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं।
- दैत्य तारकासुर के वध के लिए कुमार कार्तिकेय का जन्म हुआ था।
- माता द्वारा दिये गए एक शाप के कारण कार्तिकेय सदैव बालक रूप में ही रहते हैं।
- भगवान कार्तिकेय छ: बालकों के रूप में जन्मे थे तथा इनकी देखभाल कृतिका (सप्त ऋषि की पत्निया) ने की थी, इसीलिए उन्हें कार्तिकेय धातृ भी कहते हैं।
- कार्तिकेय देवों के सेनापति हैं, शक्ति के अधिदेव हैं, प्रतिष्ठा, विजय, व्यवस्था, अनुशासन सभी कुछ इनकी कृपा से सम्पन्न होते हैं।[1]
- भगवान कार्तिकेय के अन्य नाम की सूची निम्न है-
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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