तुलसीदास

तुलसीदास उत्तर भारत के सर्वप्रधान भक्त कवि थे, जिनका 'रामचरितमानस' जगत प्रसिद्ध है। प्रियदास के अनुसार इन्हें श्रीरामचंद्र, लक्ष्मण, हनुमान आदि का प्रत्यक्ष दर्शन हुआ था।

  • तुलसीदास हिन्दी साहित्य के आकाश के परम नक्षत्र, भक्तिकाल की सगुण धारा की रामभक्ति शाखा के प्रतिनिधि कवि थे।
  • कवि, भक्त तथा समाज सुधारक इन तीनों रूपों में तुलसीदास एक साथ मान्य है।
  • श्रीराम को समर्पित ग्रन्थ 'श्रीरामचरितमानस' वाल्मीकि रामायण का प्रकारान्तर से ऐसा अवधी भाषान्तर है, जिसमें अन्य भी कई कृतियों से महत्त्वपूर्ण सामग्री समाहित की गयी थी।
  • 'श्रीरामचरितमानस' को समस्त उत्तर भारत में बड़े भक्तिभाव से पढ़ा जाता है। इसके बाद 'विनयपत्रिका' तुलसीदासकृत एक अन्य महत्त्वपूर्ण काव्य है।



टीका टिप्पणी और संदर्भ

पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 202 |


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