तप (महाभारत संदर्भ)

  • नित्यं क्रोधात् तपो रक्षेद्।[1]

सदा तप को क्रोध से बचाकर रखना चाहिये।

  • नातप्ततपसो लोके प्राप्नुवन्ति महासुखम्।[2]

तप के बिना संसार में महान् सुखं नहीं मिलता।

  • नासाध्यं तपस: किंचिद्।[3]

तप से कुछ भी असाध्य नहीं है। (सबकुछ मिल सकता है)

  • तपसा वेदविद्वांस: परं त्वमृतमाप्नुयु:।[4]

वेद के विद्वानों ने तप से ही अमृत को पाया है।

  • परोक्षं जायते तप:।[5]

तप का फल परोक्ष है। (बाद में मिलता है।)

  • तपो यज्ञादपि श्रेष्ठमित्येषा परमा श्रुति:।[6]

तप यज्ञ से भी श्रेष्ठ है और यह श्रुति का उत्तम वचन है।

  • तपसैव सुतप्तेन नर: पापात् प्रमुच्यते।[7]

अच्छी प्रकार की गई तपस्या से मनुष्य पाप से मुक्त हो जाता है।

  • तपोरक्षेच्च मत्सरात्।[8]

डाह से तप को बचाकर रखें (किसी से जलने से तप नष्ट होता है)

  • शारीरैर्नियमैरूग्रैश्चरेन्निष्कल्मषं तप:।[9]

शरीर के कठोर नियमों का पालन करते हुये निर्मल तप करना चाहिये।

  • रजस्तमोघ्नं यत् कर्म तपसस्त्तत् स्वलक्षणम्।[10]

रजोगुण और तमोगुण का नाश करने वाला जो कर्म है वह तप है।

  • अन्तकाले ह्मुपासन्ते तपसा दग्धकिल्बिषा:।[11]

तप से पाप को नष्ट करने वाले अंतकाल में उपासना करते हैं।

  • आत्मतन्त्रोपघातास्तु न तपस्तत्सतां मत:।[12]

अपने शरीर को नष्ट करने वाले तप को सज्जन अच्छा नहीं मानते।

  • त्यागश्च संनतिश्चैव शिष्यते तप उत्तमम्।[13]

त्याग और विनम्रता को उत्तम तप कहा गया है।

  • मनसश्चेन्द्रियाणांचाप्यैकाग्र्यं परमं तप:।[14]

मन और इन्द्रियों की एकाग्रता परम तप है।

  • तप: सर्वगतं तात हीनस्यापि विधीयते।[15]

तात! तप पर सब का अधिकार है, हीन कुल में उत्पन्न व्यक्ति का भी

  • सुखक्षेय प्राप्ते पुमानुर्गं तपश्चरेत्।[16]

सुख के दिन बीत जाने पर व्यक्ति घोर तप करे।

  • जीवितक्षये तपो महत् समाचार।[17]

जीवन समाप्त होने से पूर्व महान् तप करो।

  • मानसं हि चरन् धर्म स्वर्गलोकमुपाश्नुते।[18]

मानसिक धर्म का पालन करने से ऋजु स्वर्गलोक का उपभोग करता है।

  • तपसा तदवाप्यं हि यत्तु शक्यं मनोरथै:।[19]

जिस वस्तु की कल्पना की जा सकती है वह तप से मिल सकती है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वनपर्व महाभारत 213.29
  2. वनपर्व महाभारत 259.13
  3. वनपर्व महाभारत 259.17
  4. उद्योगपर्व महाभारत 43.13
  5. उद्योगपर्व महाभारत 43.48
  6. शांतिपर्व महाभारत 79.17
  7. उद्योगपर्व महाभारत 161.6
  8. शांतिपर्व महाभारत 189.10
  9. शांतिपर्व महाभारत 217.16
  10. शांतिपर्व महाभारत 217.16
  11. शांतिपर्व महाभारत 217.27
  12. शांतिपर्व महाभारत 221.4
  13. शांतिपर्व महाभारत 221.5
  14. शांतिपर्व महाभारत 250.4
  15. शांतिपर्व महाभारत 295.14
  16. शांतिपर्व महाभारत 259.26
  17. शांतिपर्व महाभारत 321.42
  18. अनुशासनपर्व महाभारत 7.20
  19. अनुशासनपर्व महाभारत 54.27

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